from NS News,

पुणे: एम्प्रेस गार्डन से गुजरते हुए अगर आप किसी पेड़ के पास से गुजरते हैं और उसके बारे में जानने को उत्सुक हैं तो इससे जुड़ी सारी जानकारी पलक झपकते ही आपके मोबाइल पर पहुंच जाएगी, क्योंकि एम्प्रेस गार्डन से पेड़ों की जानकारी एक है। ‘क्यूआर कोड’ विकसित किया गया है। इस ‘क्यूआर’ कोड के जरिए पेड़ खुद जानकारी देने लगे हैं।
मोबाइल फोन पर पेड़ों से जुड़े क्यूआर कोड को स्कैन करने से मोबाइल फोन पर पेड़ों की पूरी जानकारी तुरंत आ जाएगी। बगीचे में तरह-तरह के पेड़ और लताएं हैं, इसलिए ज्यादातर लोग इस प्रजाति के बारे में नहीं जानते हैं। इन पेड़ों को पहचानने और जानने में आसानी हो, इसके लिए इन पेड़ों पर क्यूआर कोड लगाए गए हैं।
इसे भी पढ़ें
इन भाषाओं में मिलेगी जानकारी
इसके लिए खास सिस्टम बनाया गया है। इसके लिए पर्यावरण विशेषज्ञ डॉ. श्रीनाथ कवाडे ने बेलगावी जीएसएस कॉलेज के प्रोफेसर डॉ. प्रवीण पाटिल की मदद से एक वेबसाइट तैयार की है. पेड़ों और लताओं की 300 से अधिक विभिन्न प्रजातियां हैं, और 850 पेड़ों को क्यूआर कोडित किया गया है। इससे लोगों को मराठी और अंग्रेजी भाषा में नाम और पेड़ों की जानकारी आसानी से मिल जाती थी। इस पहल का उद्घाटन 25 जनवरी से शुरू होने वाले फूल मेले में किया जाएगा।
इसे भी पढ़ें
आजकल सभी के पास मोबाइल फोन है और इससे वे आसानी से कोई भी जानकारी हासिल कर सकते हैं, लेकिन अगर आप उस पेड़ का नाम नहीं जानते हैं, तो सवाल उठता है कि आप इसे कैसे जान सकते हैं? इससे सीधे क्यूआर कोड को स्कैन करने पर उस पेड़ की पूरी जानकारी मिल जाएगी।
सुरेश पिंगले, सचिव, एम्प्रेस गार्डन
इस पहल के तहत विभिन्न प्रजातियों की बेलों और पेड़ों पर ये क्यूआर कोड लगाए गए हैं ताकि मोबाइल के माध्यम से विभिन्न प्रजातियों के पेड़ों की पहचान की जा सके. प्रत्येक वस्तु के बारे में विस्तृत जानकारी सभी के लिए उपलब्ध है।
-श्रीनाथ कवाडे, पर्यावरणविद्